कब्ज एक सामान्य पाचन समस्या है। व्यस्त जीवनशैली, कम फाइबर वाला आहार, डिहाइड्रेशन और अनियमित खाने की आदत इसे और खराब बना सकती है। आप जो रोज खाते हैं, वह पाचन में मदद कर सकता है या कब्ज को और दर्दनाक बना सकता है।
अगर आपको बार-बार पेट फूलना, कठोर मल (स्टूल) होना या लंबे समय तक शौचालय में बैठना पड़ता है, तो आपकी डाइट इसका कारण हो सकती है। चलिए जानते हैं कब्ज के लिए सबसे खराब खाद्य पदार्थ कौन से हैं और तुरंत राहत के लिए क्या बचना चाहिए।
12 कब्ज बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ: तात्कालिक राहत के लिए इनसे दूर रहें
डेयरी प्रोडक्ट्स
चीज़, पनीर और फुल फैट दूध में फाइबर कम और वसा अधिक होती है, जो मल को कठोर बनाता ह और पाचन धीमा करता है।
कब्ज होने पर इन खाद्य पदार्थों से बचें। विकल्प के रूप में प्रोबायोटिक युक्त दही लेने से पाचन सुधरता है और मल आसानी से निकलता है।
तले और तेलीय खाद्य पदार्थ
क्या आप अक्सर समोसा, पकौड़ा, पूरी या भटूरे नाश्ते में खाते हैं? ये तले हुए खाद्य पदार्थ भारी, तेलीय और अत्यधिक पचने में कठिन होते हैं।
बार-बार खाने से आंत में खाद्य गति धीमी हो जाती है और कब्ज होती है। इसके बजाय हल्के और फाइबर वाले विकल्प चुनें।
मैदा आधारित खाद्य पदार्थ
मैदा एक रिफाइंड आटा है जिसमें फाइबर कम होता है। यह मल को सूखा देता है और शौच में कठिनाई पैदा करता है। नियमित मैदा आधारित भोजन से कब्ज बढ़ती है।
पाचन स्वस्थ रखने के लिए इनसे बचें या कम खाएं।
रेड मीट: मटन, पोर्क और बीफ
मटन, पोर्क और बीफ पचने में ज्यादा समय लेते हैं। इनमें फाइबर बिल्कुल नहीं होता और यह भोजन में सब्जियों की जगह ले लेते हैं।
रेड मीट कब्ज के लिए खराब खाद्य पदार्थ हैं और इन्हें कम ही लें।
कच्चे केले
कच्चे या हरे केले में रेसिस्टेंट स्टार्च होता है, जो शरीर को पचाने में कठिनाई पैदा करता है। यह पाचन धीमा करता है और कई लोगों में कब्ज लाता है।
अल्कोहल
अल्कोहल शरीर में और आंत में पानी का अवशोषण कम करता है, जिससे डिहाइड्रेशन होता है।
इससे मल कठोर और सूखा हो जाता है, जो कब्ज को और खराब करता है। कब्ज होने पर अल्कोहल कम करें या बचें।
अधिक चाय और कॉफी
अधिक चाय और कॉफी लेने से शरीर डिहाइड्रेट हो जाता है, जो मल को सूखा कर देता है और कब्ज लाता है। हमेशा चाय-कॉफी से पहले पर्याप्त पानी पिएं और कैफीन अधिक न लें।
प्रोसेस्ड स्नैक्स और जंक फूड
क्या आप अक्सर चिप्स, नमकीन, इंस्टेंट नूडल्स या अन्य पैकेज्ड स्नैक्स खाते हैं? ये खाद्य पदार्थ तेलीय, नमकीन और एडिटिव से भरे होते हैं और फाइबर बहुत कम होता है।
फाइबर कम होने से पाचन धीमा चलता है और कब्ज होती है। इसके बजाय फाइबर वाले विकल्प लें।
चॉकलेट और मिठाई
चॉकलेट कब्ज के लिए खराब खाद्य पदार्थ हैं, खासकर जिनकी पाचन प्रणाली संवेदनशील हो।
चॉकलेट और मिठाई, जैसे मिठाई में फाइबर कम और वसा अधिक होती है। यह पाचन धीमा करता है और पेट फूलता है।
सफेद चावल और पॉलिश किए हुए अनाज
क्या आप रोज़ सफेद चावल या अन्य पॉलिश किए हुए अनाज खाते हैं? इनमें छाल (ब्रान) हटा दी जाती है, इसलिए इसमें फाइबर कम होता है।
यदि इसके साथ सब्जियां न खाएं, तो पाचन धीमा होता है और कब्ज होती है। पूरे अनाज और सब्जियों के साथ खाने से पाचन सुधरता है।
फ्रोजन और रेडी-टू-ईट खाद्य पदार्थ
फ्रोजन पराठा, नगेट्स और इंस्टेंट पास्ता खाने में आसान हैं, लेकिन इनमें फाइबर कम और प्रिजर्वेटिव अधिक होते हैं।
यह संयोजन मल को कठोर बनाता है और पाचन धीमा करता है, जिससे कब्ज होती है। हमेशा ताजे खाद्य पदार्थ चुनें।
अधिक नमक
अधिक नमक लेने से आंत से पानी बाहर निकल जाता है। इससे मल कठोर हो जाता है और बाहर निकालने में कठिनाई होती है।
नमक सीमित लेने से पाचन आसान रहता है और कब्ज रुकती है।
प्रश्नोत्तरी: कब्ज में क्या खाएं, क्या बचाएं
क्या चीज़ कब्ज लाती है?
हां। चीज़ में फाइबर कम होता है और यह पाचन धीमा करता है, जिससे कठोर मल होता है।
क्या डेयरी कब्ज लाती है?
हां, खासकर अधिक दूध, पनीर लेने से और लैक्टोज़ इन्टोलरेंट लोगों में।
कब्ज होने पर कौन सा खाना बचाना चाहिए?
चीज़, पनीर, तले हुए नाश्ते, मैदा आधारित खाद्य पदार्थ, रेड मीट, कच्चे केले, अल्कोहल, चॉकलेट, सफेद चावल, अधिक चाय-कॉफी, फ्रोजन भोजन और नमकीन स्नैक्स बचाएं।
क्या ग्लूटेन या गेहूं कब्ज बढ़ाता है?
मैदा (रिफाइंड गेहूं) कब्ज बढ़ाता है, लेकिन पर्याप्त फाइबर वाले गेहूं पाचन के लिए अच्छे हैं।
IBS-कब्ज होने पर कौन सा खाना न लें?
चीज़, रेड मीट, मैदा, तले हुए नाश्ते, चॉकलेट और प्रोसेस्ड फूड से बचें।
सार में कहें तो
कब्ज अधिकांशतः आपके खाने पर आधारित है। डेयरी प्रोडक्ट्स, तले हुए नाश्ते, मैदा, रेड मीट, प्रोसेस्ड फूड, मिठाई और अधिक नमक जैसे खाद्य पदार्थों से दूर रहें।
सक्रिय रहें, पर्याप्त पानी पिएं और फल, सब्जियां, दालें तथा पूरे अनाज जैसे फाइबर से भरपूर आहार शामिल करें ताकि पाचन आसान और नियमित रहे।